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औसतन, गंगा घाटी का प्रत्येक वर्ग किमी क्षेत्र वर्षा के रुप में एक मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) जल प्राप्त करता है, जिसका 30 प्रतिशत भाग वाष्प बनकर उड़ जाता है, 20 प्रतिशत उप-सतह में रिस जाता है तथा शेष 50 प्रतिशत नदी के प्रवाह में विद्यमान रहता है | उच्च तटबंधों द्वारा परिबद्ध नदी की गहरी नहर भूमिगत जल को आधारभूत प्रवाह के रुप में प्रवाहित होने में सहायता करती है | प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ गंगा घाटी की सभी नदियों की एक मुख्य विशेषता है | गंगा के जलस्तर में मानसून के दौरान वृद्धि होती है, परंतु उसके उंचे तटबंध बाढ़ के जल को बिखरने से रोकते हैं | बाढ़ का मैदान सामान्यत: 0.5 से 2 किमी तक चौड़ा होता है | यह सक्रिय बाढ़ का मैदानी क्षेत्र प्रत्येक वर्ष बाढ़ से प्रभावित होता है | गंगा पर ऐसी अनेक संरचनाएं हैं, जो इसके प्रवाह को परिवर्तित कर देती हैं |
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