★ तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या, जीवन के निरंतर उंचे होते हुए मानकों तथा औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के हुए अत्यधिक विकास के फलस्वरुप सामान्यत: जल संसाधन तथा विशेषत: नदियों का जल अपक्षरण के विभिन्न स्वरुपों के संपर्क में आकर प्रदूषित हुआ है | विशाल गंगा नदी भी इसका अपवाद नहीं रही है | जल की गुणवत्ता में गिरावट का प्रभाव तत्काल ही लोगों पर हो जाता है | अपने कुछ क्षेत्रों में गंगा नदी, विशेषकर, कम पानी वाले मौसम के दौरान, नहाने के लिए तक उपयोग में नहीं रह गई है | वैश्विक जलवायु परिवर्तन और गंगा के प्रवाह पर हिम शैलों के गलने के प्रभाव की चुनौतियों तथा साथ ही नदी के उपरी भागों में अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए ऐसे मुद्दे दृष्टिगत हुए हैं, जिनके प्रति व्यापक प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने की आवश्यकता है |
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