राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) ने चार विभिन्न क्षेत्रों जैसे – अपशिष्ट जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण एवं नदी मुख विकास के जरिए गंगा की चुनौतियों से निपटने के लिए परिवर्तित व व्यापक सोच के साथ निर्मल गंगा मिशन की शुरुआत की है |
राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) (क) व्यापक योजना एवं प्रबंधन के लिए अंतर-क्षेत्रीय सहबद्धताओं को बढ़ावा देने के लिए नदी घाटी दृष्टिकोण के जरिए गंगा नदी के संरक्षण एवं प्रभावशाली प्रदूषण निवारण को सुनिश्चित करना और (ख) जल गुणवत्ता एवं पर्यावरणीय दीर्धकालिक विकास को सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ गंगा नदी में पर्यावरणीय बहाव को बनाए रखने के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के राजपत्र अधिसूचना (असाधारण) संख्या 328 दिनांकित फरवरी 20, 2009 के द्वारा नई दिल्ली में स्थापित किया गया है |
राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) को व्यापक योजना एवं प्रबंधन हेतु एक नदी घाटी दृष्टिकोण के जरिए गंगा नदी के संरक्षण एवं प्रभावशाली प्रदूषण निवारण के लिए नियमन व दीर्धकालिक आवश्यकताओं के साथ विकास कार्यों के लिए अधिदेशनाधीन किया गया है | जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) को लागू करने वाली नोडल एजेंसी है | प्राधिकरण की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है और संबंधित केंद्रीय मंत्री तथा उन राज्यों के मुख्यमंत्री जहां से होकर गंगा बहती है जैसे – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल एवं अन्य इसके सदस्य है | इस पहल से नदी की सफाई के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के साझा प्रयासों को नया आकार मिलने की उम्मीद है |
राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) के कार्यों में, गंगा नदी घाटी प्रबंधन विकास योजना एवं गंगा नदी घाटी राज्यों में, नदी पारिस्थितिकी के लिए जरुरी उपायों तथा जल गुणवत्ता बनाए रखने हेतु प्रदूषण नियंत्रण एवं निवारण आदि शामिल है | इसे गंगा नदी में न्यूनतम पारिस्थितिकी बहाव/स्राव बनाए रखने एवं निम्नलिखित कार्यक्रमों की योजना, वित्त प्रबंधन एवं निष्पादन आदि का कार्य सौंपा गया है –
1) मल निकास के ढांचों का संवर्धन
2) वन क्षेत्र/जल-क्षेत्र परिशोधन
3) समतल प्लावन से बचाव
4) जन-जागरुकता फैलाना |
राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) को गंगा नदी के संरक्षण एवं प्रभावशाली प्रदूषण निवारण के लिए राज्य व केंद्र सरकारों के साझा प्रयासों को मजबूत करने के लिए योजना, वित्त-प्रबंधन, निगरानी एवं संयोजक प्राधिकरण के तौर पर अधिदेशित किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सन् 2020 तक कोई भी अशोधित नगरपालिका को अपशिष्ट जल या औद्योगिक बहि:स्राव गंगा नदी में न बहाई जाए |
राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) पूर्णरुपेण प्रचालित है और इसे पांच गंगा घाटी राज्यों में राज्य स्तरीय राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरणों (एसजीआरसीए) द्वारा समर्थन भी प्राप्त है जिसके अध्यक्ष संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री है | एनजीआरबीए कार्यक्रम के तहत 3769.97 करोड़ रुपए की परियोजना को 31 दिसंबर 2013 तक मंजूर किया जा चुका है |
कार्य एवं शक्तियां
राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) नियमन एवं विकास कार्यों से जुड़ी वे सभी शक्तियां प्राप्त है जिससे दीर्घकालिक विकास आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गंगा नदी के संरक्षण एवं प्रभावशाली प्रदूषण निवारण के लिए वो सभी उपाय कर सकता है और संबंधित कार्य कर सकता है जिसे वो जरुरी समझता है | इन उपायों में निम्नलिखित मामलें शामिल हैं :-
क.) नदी घाटी प्रबंधन योजना का विकास तथा गंगा नदी में प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन पर लक्ष्यित क्रियाकलापों का विनियमन ताकि इसके जल की गुणवत्ता बनाई रखी जा सके और ऐसे अन्य उपाय करना जो गंगा घाटी के राज्यों में नदी पारिस्थिकी और प्रबंधन के प्रासंगिक हों |
ख.) गंगा नदी में न्यूनतम पारिस्थिकी प्रवाहों को बनाए रखना जिसका उद्देश्य जल की गुणवत्ता और पर्यावरण संबंधी संधारणीय विकास सुनिश्चित करना है |
ग.) गंगा नदी में प्रदूषण के उपशमन के लिए कार्यक्रमों की आयोजना, वित्त-पोषण और निष्पादन हेतु आवश्यक उपाय करना जिनमें जल-मल व्ययन अवसंरचना का उन्नयन, आवाह क्षेत्र का उपचार, बाढ़-प्रवण मैदानों का संरक्षण, जन-जागरूकता सृजन तथा पर्यावरण-संबंधी संधारणीय नदी संरक्षण को प्रवर्तित करने के लिए ऐसे ही अन्य उपाय शामिल हैं |
घ.) गंगा नदी में पर्यावरणीय प्रदूषण से संबंधित जानकारी का संग्रहण,विश्लेषण और प्रचार-प्रसार |
ड.) गंगा नदी के पर्यावरणीय प्रदूषण की समस्याओं तथा उसके परिरक्षण के बारे में अन्वेषण और अनुसंधान |
च.) प्राधिकरण को सौंपे गए कार्यों के क्रियान्वयन के लिए यथाउपयुक्त पाए जाने वाले विशेष प्रयोजन वाहनों का सृजन |
छ.) जल परिरक्षण प्रक्रियाओं का प्रवर्तन जिनमें पुनर्चक्रण और पुनर्प्रयोग,वर्षा जल संचयन और विकेन्द्रीकृत जल-मल व्ययन प्रणालियां भी शामिल हैं|
ज.) गंगा नदी में प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन के लिए आरंभ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों अथवा क्रियाकलापों के क्रियान्वयन की निगरानी और समीक्षा |
झ.) उपर्युक्त सभी अथवा किसी कार्य का निष्पादन और निर्वहन करने तथा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्राधिकरण द्वारा यथाआवश्यक और समीचीन समझे जाने वाले अन्य उपायों को लागू करने के प्रयोजनार्थ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 (1986 का 29) की धारा 5 के अंतर्गत निदेश जारी करना |
ण.) इन कार्यों का निष्पादन और निर्वहन करने तथा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करने के प्रयोजनार्थ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 का अनुपालन करना |
एनजीआरबीए बैठक
राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक
a) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की 05.10.2009 को आयोजित प्रथम बैठक का कार्यवृत्त।
b) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की 01.11.2010 को आयोजित दूसरी बैठक का कार्यवृत्त।
c) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की 17.04.2012 को आयोजित तीसरी बैठक का कार्यवृत्त।
d) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की 27.10.2014 को आयोजित चौथी बैठक का कार्यवृत्त।
e) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की 26.03.2015 को आयोजित पांचवीं बैठक का कार्यवृत्त।
f) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की 04.07.2016 को आयोजित छठी बैठक का कार्यवृत्त।
स्थायी समिति की बैठक
राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थायी समिति की बैठक
a) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थायी समिति की 29.12.2010 को आयोजित प्रथम बैठक का कार्यवृत्त।
b) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थायी समिति की 08.02.2012 को आयोजित दूसरी बैठक का कार्यवृत्त।
समीक्षा बैठक
राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की समीक्षा बैठक
a) राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की समीक्षा बैठक 04.02.2011 को आयोजित की गई।
एनजीआरबीए फ्रेमवर्क
एनजीआरबीए फ्रेमवर्क
a) एनजीआरबीए कार्यक्रम रूपरेखा.
एनजीआरबीए दिशानिर्देश
एनजीआरबीए दिशानिर्देश
a) एनजीआरबीए दिशानिर्देश
राजपत्र अधिसूचना
क्र.सं. |
विषय |
लगाव |
1. |
एस.ओ.287(ई), [08/02/2010] - बिहार राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन |
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2. |
एस.ओ.2964(ई), एस.ओ.2965(ई), एस.ओ.2966(ई), एस.ओ.2967(ई), एस.ओ.2968(ई), एस.ओ.2969(ई) , [21/11/2009] - पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरणों को शक्तियों का प्रत्यायोजन। |
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3. |
एस.ओ.2495(ई), [30/09/2009] - झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन। |
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4. |
एस.ओ.2495(ई), [30/09/2009] - झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन। |
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5. |
एस.ओ.2493(ई), [30/09/2009] - उत्तर प्रदेश राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन। |
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6. |
एस.ओ.2125(ई), [13/08/2009] - एनजीआरबीए के संविधान में संशोधन। |
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7. |
एस.ओ.521(ई), [20/02/2009] - राष्ट्रीय गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन। |
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8. |
29.09.2014 एनजीआरबीए (पुनर्गठन) |
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9. |
एस.ओ.583(ई) जल गुणवत्ता मूल्यांकन प्राधिकरण, आदेश, दिनांक 29 मई, 2001 |
[पीडीएफ अंग्रेजी] [पीडीएफ हिंदी] |
10. |
एस.ओ.2151 जल गुणवत्ता निगरानी आदेश 2005, अधिसूचना, दिनांक 17 जून, 2005 |
[पीडीएफ अंग्रेजी] [पीडीएफ हिंदी] |
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